कभी ज्ञान विज्ञान से विश्व गुरु बना भारत आज विश्व पिच्छलग्गू बन चुका हैहनुमान की भांति जब निज विस्मृति (lostMemory) से बाहर आयेगा, वैदिक ज्ञान की आभा (glory) पहचानेगा,चमकाएगा तब तक केवल नारे से भ्रमायेगा स्वर्ण युग की उस शक्ति को पहचान देगा ज्ञानविज्ञान दर्पण तिलक (Join us to Build StrongBHARAT निस्संकोच ब्लॉग पर टिप्पणी/अनुसरण/ निशुल्क सदस्यता व yugdarpan पर इमेल/चैट करें, संपर्कसूत्र-तिलक संपादक युगदर्पण मीडिया समूह YDMS 09911111611, 9999777358.

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Wednesday, August 23, 2023

नेताओं ने वैश्विक आर्थिक सुधार, अफ्रीका और ग्लोबल साउथ के साथ साझेदारी सहित महत्वपूर्ण चर्चा की और ब्रिक्स एजेंडे पर अब तक हुई प्रगति की भी समीक्षा की।

चंद्रयान-3 की सफलता 140 करोड़ भारतीयों की आकांक्षाओं और सामर्थ्‍य का प्रतिबिंब है: प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी YDMS👑 

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*युदस नदि 23 अगस्त 2023:* पूरा देश चंद्रयान-3 की सफलता से उल्लासित है। देश के राष्ट्रपति उपराष्ट्रपति ने इस उपलब्धि पर बधाई दी। 
जोहान्सबर्ग में दक्षिण अफ्रीका की अध्यक्षता में आयोजित 15 वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भागीदारी करने गए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 23 अगस्त 2023 को चंद्रयान-3 की सफलता पर वहां से बधाई दी।

नेताओं ने वैश्विक आर्थिक सुधार, अफ्रीका और ग्लोबल साउथ के साथ साझेदारी सहित महत्वपूर्ण चर्चा की और ब्रिक्स एजेंडे पर अब तक हुई प्रगति की भी समीक्षा की।

प्रधानमंत्री नेअपने संबोधन के मध्य, एक सशक्त ब्रिक्स का आह्वान किया जो इस प्रकार है:

बी- ब्रेकिंग बैरियर्स(बाधाओं को तोड़ना)

आर- रिवाइटलाइजिंग इकोनॉमीज(अर्थव्यवस्थाओं को पुनर्जीवित करना)

आई- इंस्पायरिंग इनोवेशन(प्रेरक इनोवेशन)

सी- क्रिएटिंग अपॉर्चुनिटी(अवसर उत्पन्न करना)

एस-शेपिंग द फ्यूचर(भविष्य को आकार देना)

इस मध्य प्रधानमंत्री ने निम्नलिखित पक्षों पर भी प्रकाश डाला:

यूएनएससी सुधारों हेतु निश्चित समयसीमा तय करने का आह्वान किया

बहुपक्षीय वित्तीय संस्थानों में सुधार का आह्वान किया

डब्ल्यूटीओ में सुधार का आह्वान किया

ब्रिक्स से अपने विस्तार पर आम सहमति बनाने का आह्वान किया

ब्रिक्स से ध्रुवीकरण नहीं, अपितु एकता का वैश्विक संदेश भेजने का आग्रह किया

ब्रिक्स स्पेस एक्सप्लोरेशन कंसोर्टियम के निर्माण का प्रस्ताव प्रस्तुत किया

ब्रिक्स भागीदारों को इंडियन डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर - भारतीय स्टैक प्रस्तावित किया गया 

ब्रिक्स देशों के बीच स्किल मैपिंग, कौशल और गतिशीलता को बढ़ावा देने का उपक्रम प्रस्तावित

इंटरनेशनल बिग कैट अलायंस के अंतर्गत चीतों के संरक्षण हेतु ब्रिक्स देशों के संयुक्त प्रयासों का प्रस्ताव

ब्रिक्स देशों के बीच पारंपरिक चिकित्सा का भंडार स्थापित करने का प्रस्ताव

ब्रिक्स साझेदारों से जी20 में एयू की स्थायी सदस्यता का समर्थन करने का आह्वान किया

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने कहा है कि चंद्रयान-3 की सफलता 140 करोड़ भारतीयों की आकांक्षाओं और सामर्थ्‍य का प्रतिबिंब है। 
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की ओर से एक्स पर की गई पोस्ट को साझा करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा: 
“चंद्रयान-3 की सफलता 140 करोड़ भारतीयों की आकांक्षाओं और सामर्थ्‍य का प्रतिबिंब है। 
नये क्षितिज और उससे आगे की ओर! 
भारत के लिए गर्व का क्षण।” 
इसी प्रकार केन्द्रीय मंत्री मंडल के अन्य मंत्रियों शीर्ष जनों से भी बधाई संदेश आते रहे। 

-तिलक रेलन वरिष्ठ पत्रकार, युगदर्पण ®2001 मीडिया समूह YDMS👑 

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Friday, April 28, 2023

PM Narendra Modi inaugurates 91 FM transmitters across 18 states and 2 Union Territories. -Live

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*युदस नदि 28 अप्रैल 223:* देखें: प्रमं नरेन्द्र मोदी द्वारा 18 राज्यों तथा 2 केंप्रप्र में 91 एफ एम ट्रांसमीटरों का उद्घाटन करते देखें। 
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-तिलक रेलन वरिष्ठ पत्रकार 
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Saturday, October 22, 2022

*ज्योतिष शास्त्र/रत्न शास्त्र- माणिक्य और उसका विकल्प?* 

*युदस नदि 22, अक्टू 2022;* 

हाथ में यदि सूर्य का बहुमुल्य रत्न माणिक्य नहीं पहन सकते तो हाथ में बांध लें, इस पेड़ की जड़, सूर्य देव की कृपा से चमक सकता है भाग्य।
रत्न शास्त्र अनुसार बेल के पेड़ की जड़ का संबंध सूर्य ग्रह से माना जाता है। आइए जानते हैं इसे धारण करने के लाभ तथा विधि…



रत्न शास्त्र के ज्ञाताओं के अनुसार:-
बेल के पेड़ की जड़- *(फाइल चित्र)*
ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों के अशुभ प्रभाव को दूर करने के लिए उपायों का वर्णन किया गिया है। जिसमें ग्रहों से संबंधित मंत्र और रत्नों का वर्णन किया गया है। आपको बता दें कि एक स्थान पर बैठ, मंत्र यज्ञ के अतिरिक्त रत्नादि से उपचार, किया जाता है। वहीं रत्नों को हाथ में धारण किया जाता है। किन्तु कुछ रत्न बहुत महंगे होते हैं। जिनके विकल्प रूप, ज्योतिष में पेड़ों की जड़ का वर्णन किया गया है। आगे यहां हम बात करेंगे, बेल के पेड़ की जड़ के बारे में, जिसका संबंध सूर्य ग्रह से होता है। अर्थात यदि आप माणिक्य रत्न नहीं पहन सकते, तो आप बेल के पेड़ की जड़ को धारण कर सकते हैं। आइए जानते हैं बेल की जड़ का महत्व और धारण करने की विधि…
रत्न शास्त्र अनुसार जिस प्रकार माणिक्य को सूर्य का रत्न एवं शुभ फल दायक माना जाता है, बेल की जड़ धारण करने से भी, सूर्य के रत्न माणिक्य के समान शुभ फल प्रदान होते हैं। बेल की जड़ धारण करने से आपके आत्मविश्वास में वृद्धि हो सकती है। इस जड़ को धारण करने से ह्रदय रोग, आंख के रोग, पित्त विकार से भी मुक्ति मिल सकती है। वहीं नौकरी व्यवसाय और राजनीति के लोग इस जड़ को धारण कर सकते हैं। उनका भविष्य उज्जवल हो, अच्छी सफलता मिल सकती है।

युगदर्पण ® 2001 मीडिया समूह YDMS👑  

तिलक रेलन आज़ाद वरिष्ठ पत्रकार


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Friday, September 23, 2022

 *Media interaction on draft Telecom Bill 2022 by Union Minister Ashwini Vaishnav. PIB Live*

👉1/22, विश्वकर्मासुत दर्पण YDMS👑 
*▶️CD-Live YDMS👑 चयनदर्पण
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*युदस नदि 23 sept 22:* 

PIB Live You are watching Media interaction on draft Telecom Bill 2022 by Union Minister Ashwini Vaishnav. PIB Live 
साभार पसूका; टेलीकॉम बिल प्रारुप: नए टेलीकॉम बिल का प्रारुप प्रस्तुत, उद्देश्य: इंटरनेट आधारित सेवाओं को संचालित करना है। 
अर्थ उद्योग श्रमिक, युगदर्पण®2001, नई दिल्ली 
सार
टेलीकॉम बिल का प्रारुप: दूरसंचार विभाग ने एक नया प्रारुप विधेयक प्रस्तुत किया है इसके माध्यम से सरकार भारत में दूरसंचार को नियंत्रित करने वाले वर्तमान कानूनी ढांचे में परिवर्तन करना चाहती है। सरकार नए विधेयक के माध्यम से भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम, 1885, वायरलेस टेलीग्राफी अधिनियम, 1933 और टेलीग्राफ वायर (अवैध अधिकार) अधिनियम, 1950 को समेकित करना चाहती है।

विस्तार
दूरसंचार विभाग ने एक नया प्रारूप विधेयक प्रस्तुत किया है इसके माध्यम से सरकार भारत में दूरसंचार को नियंत्रित करने वाले वर्तमान कानूनी ढांचे में परिवर्तन करना चाहती है। सरकार नए विधेयक के माध्यम से भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम, 1885, वायरलेस टेलीग्राफी अधिनियम, 1933 और टेलीग्राफ वायर (अवैध अधिकार) अधिनियम, 1950 को समेकित करना चाहती है।

केंद्र का मानना है कि भारत को 21वीं सदी की वास्तविकताओं के अनुरूप दूरसंचार क्षेत्र के लिए एक नए कानूनी ढांचे की आवश्यकता है। प्रस्तावित विधेयक के व्याख्यात्मक नोट में इसे भारतीय दूरसंचार विधेयक, 2022 का नाम दिया गया है।

विभाग की ओर से जारी एक व्याख्यात्मक नोट में कहा गया है कि दूरसंचार क्षेत्र के लिए वर्तमान नियामक ढांचा भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम, 1885 पर आधारित है। टेलीग्राफ के युग के बाद से दूरसंचार की प्रकृति, इसके उपयोग और प्रौद्योगिकियों में बड़े स्तर पर परिवर्तन आया है। विश्व ने 2013 से टेलीग्राफ का उपयोग करना बंद कर दिया है।
yds -YDMS 👑

- तिलक रेलन आज़ाद वरिष्ठ पत्रकार,*
*युगदर्पण®2001 मीडिया समूह YDMS👑*


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Monday, January 20, 2020

YDMS👑प्रस्तुति... DD-Live YDMS दूरदर्पण, CD-Live YDMS चुनावदर्पण देश को समर्पित, दो यू-टयूब राष्ट्रीय चैनल.

👑आज अपने जन्म दिवस के अवसर पर, देश को समर्पित हैं, दो यू-टयूब राष्ट्रीय चैनल 
सकारात्मक सार्थक श्रेष्ठ चयनित समाचार का प्रतीक YDMS👑प्रस्तुति
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देश की राजनीति पर युगदर्पण मीडिया समूह का नया यू-टयूब चैनल CD-Live YDMS चुनावदर्पण
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कभी विश्व गुरु रहे भारत की, धर्म संस्कृति की पताका; विश्व के कल्याण हेतू पुनः नभ में फहराये | - तिलक

यह राष्ट्र जो कभी विश्वगुरु था, आज भी इसमें वह गुण, योग्यता व क्षमता विद्यमान है | आओ मिलकर इसे बनायें; - तिलक
कभी ज्ञान विज्ञान से विश्वगुरु भारत की, स्वर्ण युग की उस शक्ति को पहचान देगा; ज्ञान -विज्ञान दर्पण | आओ, मिलकर इसे बनायें; - तिलक

Thursday, January 14, 2016

पीयूष गोयल ने दिया, ऊर्जा क्षेत्र में भारत-जापान सहयोग बढ़ाने पर बल

पीयूष गोयल ने दिया, ऊर्जा क्षेत्र में भारत-जापान सहयोग बढ़ाने पर बल
केन्‍द्रीय बिजली, कोयला और नवीन तथा नवीकरणीय ऊर्जा राज्‍य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) पीयूष गोयल ने पुन: भारत और जापान के बीच ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने की आवश्‍यकता पर बल दिया है। गोयल आज प्रात: द्विपक्षीय बैठक में टोक्‍यो, जापान में वहां के आर्थिक, व्‍यापार और उद्योग मंत्री 'मोतो हयाशी' के साथ बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग इस प्रकार होना चाहिए कि जापानी तकनीक और धन भारतीय उच्‍च कुशल मानव संसाधन और ‘’मेक इन इंडिया’ के साथ मेल खाये, जिससे साझेदारी न केवल परस्पर लाभ के लिए हो बल्कि विश्‍व के लाभ के लिए भी हो। उन्‍होंने कहा कि यह विश्‍व में भारत को निर्माण केंद्र के रूप में स्‍थापित करने की प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी की परिकल्‍पना को प्रतिबिंबित करता है। पीयूष गोयल 8वें भारत-जापान ऊर्जा वार्ता में शामिल होने के लिए, 12 से 14 जनवरी, 2016 के टोक्‍यो प्रवास पर है। 

गोयल और हयाशी ने नवीकरणीय ऊर्जा और ऊर्जा दक्ष प्रौद्योगिकियों सहित ऊर्जा क्षेत्र में, दोनों देशों के बीच महत्‍वपूर्ण संबंधों को बढ़ाने की इच्‍छा दोहराई। वे कार्यकारी समूहों के बीच 'वीडियो कांफ्रेंस' और द्विपक्षीय यात्राओं के माध्यम नियमित विचार-विमर्श करने पर सहमत है, जिससे परस्पर व्‍यावसायिक अवसरों से संबंधित मुद्दों को तेजी से आगे बढ़ाया जा सके। दोनों मंत्रीगण सहमत थे कि परस्पर संबंधों के ठोस परिणाम निकलने चाहिए, जिन्‍हें दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों के बीच होने वाली वार्षिक सम्‍मेलन बैठक के मध्य दिखाया जा सके।

गोयल ने विश्‍व में सबसे बड़े एलईडी कार्यक्रम और महत्‍वकांक्षी 175 जीडब्‍ल्‍यू नवीकरणीय ऊर्जा कार्यक्रम के बारे में बताते हुये कहा कि ऊर्जा दक्षता और नवीकरणीय ऊर्जा दो महत्‍व वाले क्षेत्र हैं और इनमें जापानी प्रौद्योगिकी के उपयोग की अति संभावना है। जापानी अत्‍याधुनिक प्रौद्योगिकियों के लिये भारत सबसे बड़ा और तेजी से विस्तार लेता बाजार है और भारत दोनों पक्षों के परस्पर लाभ के लिए ऐसी प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने को उत्‍सुक है।

पीयूष गोयल ने 13-18 फरवरी, 2016 को मुम्‍बई में होने वाले ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम में हयाशी के नेतृत्‍व में जापान के आर्थिक, व्‍यापार और उद्योग मंत्रालय के उच्‍चस्‍तरीय प्रतिनिधिमंडल को शामिल होने का भी निमंत्रण दिया। 
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Monday, September 28, 2015

फेसबुक के बाद अब मोदी गूगल में

फेसबुक के बाद अब मोदी गूगल में
अधिक से अधिक भारतियों को इंटरनेट से जोड़ने की एक पहल - 1 करोड़ रेल यात्रियों प्रतिदिन से शुभारम्भ 

जब मैं एक छात्र था, मैं चेन्नई सेंट्रल स्टेशन (तब मद्रास सेंट्रल के रूप में जाना जाता था) से आईआईटी खड़गपुर की दिन की रेल यात्रा पसंद करता था । मुझे विभिन्न स्टेशनों पर उन्मत्त ऊर्जा की याद आज भी ताजा है और मैं भारतीय रेल के अविश्वसनीय स्तर और विस्तार पर अचम्भा करता था । 
आज गूगलप्लेक्स में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

मुझे यह घोषणा करते हुए बहुत गर्व हो रहा है कि ये भारत के रेलवे स्टेशन हैं, जो करोड़ों लोगों को ऑनलाइन लाने में सहायता करेंगे। गत वर्ष, भारत में 10 करोड़ लोगों ने पहली बार इंटरनेट उपयोग शुरू किया है। इसका अर्थ यह है कि भारत में अब चीन को छोड़ कर हर देश से अधिक इंटरनेट उपयोगकर्ता हैं। किन्तु चौंकाने वाली बात ये है कि भारत में अभी भी 100 करोड़ से अधिक लोग ऑनलाइन नहीं हैं। 

हम इन 100 करोड़ भारतवासियों को ऑनलाइन लाने में सहयोग करना चाहते हैं - ताकि उन्हें पूरे वेब तक पहुँच मिल सके और वहां उपलब्ध जानकारी और अवसर भी । और किसी पुराने 'कनेक्शन' से नहीं - तेज़ 'ब्रॉडबैंड' से ताकि वे वेब का सबसे अच्छा अनुभव कर सकें । इसलिए आज, भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के हमारे U.S. मुख्यालय में उपस्थित होने के अवसर पर और उनकी डिजिटल इंडिया पहल के अनुरूप, हमने भारत भर में 400 रेलवे स्टेशनों में सार्वजनिक उच्च गति वाई-फाई उपलब्ध कराने के लिए एक नई परियोजना की घोषणा की है। 

हमारी पहुंच और ऊर्जा टीम की, भारतीय रेलवेज, जो कि विश्व के सबसे बड़े रेलवे नेटवर्कों में से एक चला रही है और रेलटेल, जो व्यापक फाइबर नेटवर्क के माध्यम से "रेलवायर" जैसी इंटरनेट सेवाएं प्रदान करता है, के साथ काम करते हुए आने वाले महीनों में पहले स्टेशनों को ऑनलाइन लाने की योजना है। यह नेटवर्क 2016 के अंत से पहले भारत में सबसे व्यस्त स्टेशनों में से 100 को कवर करने के लिए तेजी से विस्तार करेगा, और उसके बाद शीघ्र ही शेष स्टेशन कवर होंगे। 

जब मात्र पहले 100 स्टेशन ऑनलाइन होंगे, तब भी इस परियोजना के माध्यम से हर दिन 1 करोड़ से अधिक लोगों के लिए वाई-फाई उपलब्ध होगा। यह भारत में सबसे बड़ी सार्वजनिक वाई-फाई परियोजना होगी और संभावित उपयोगकर्ताओं की संख्या के दृष्टी से विश्व की सबसे बड़ी परियोजनाओं में गिनी जाएगी । यह वाई-फाई तेज़ भी होगा - भारत में अधिकतम लोग आज जो उपयोग करते हैं, उसकी तुलना में कई गुना तेज़ । इस से यात्री जितनी देर प्रतीक्षा कर रहे हैं, उतनी देर में एक उच्च परिभाषा ,वीडियो स्ट्रीम, कर पाएंगे, अपने गंतव्य के बारे में कुछ अनुसंधान कर पाएंगे या कुछ वीडियो, एक पुस्तक या एक नया खेल डाउनलोड कर पाएंगे। सबसे अच्छी बात, यह सेवा आरम्भ में निशुल्क होगी और भविष्य में इसे आत्मनिर्भर बनाने का दीर्घकालीन लक्ष्य है, ताकि रेलटेल और अधिक भागीदारों के साथ अधिक स्टेशनों और अन्य स्थानों में इसका विस्तार किया जा सके। 
इस नक्शे में वो पहले 100 स्टेशन दर्शाये गए हैं जहाँ 2016 के अंत तक उच्च गति वाई-फाई होगा
हमें लगता है कि यह 30 करोड़ से अधिक भारतीय जो पहले से ही ऑनलाइन हैं और लगभग एक अरब से अधिक है जो नहीं हैं, उनके लिए इंटरनेट को सुलभ और उपयोगी बनाने का एक महत्वपूर्ण भाग है। 

पर यह मात्र एक अंश है । अधिक भारतीयों को सस्ती, उच्च गुणवत्ता वाले 'स्मार्टफोन्स' प्राप्त करने के लिए, जो अधिकतम लोगों के लिए इंटरनेट का उपयोग प्राथमिक प्रयास है, हमने गत वर्ष एंड्राइड वन फ़ोन लांच किया था । सीमित बैंडविड्थ की चुनौतियों से निपटने में सहायता करने के लिए, हम हाल ही में मोबाइल वेब पृष्ठों को तेजी से और कम डेटा के साथ लोड करने की सुविधा लाये हैं, यूट्यूब ऑफ़लाइन उपलब्ध बनाया है और ऑफलाइन मैप्स जल्द ही आने वाला है। 

भारतीयों, जिनमे से कई अंग्रेजी नहीं बोलते, के लिए वेब सामग्री और अधिक उपयोगी बनाने में सहायता  करने के लिए और अधिक स्थानीय भाषा की सामग्री को बढ़ावा देने के लिए हमने गत वर्ष भारतीय भाषा इंटरनेट एलायंस प्रस्तुत किया है, और हमारे उत्पादों में अधिक से अधिक स्थानीय भाषा समर्थन का निर्माण किया है - हिंदी वॉयस खोज, उन्नत हिंदी कीबोर्ड और एंड्राइड के नवीनतम संस्करण में सात भारतीय भाषाओं के लिए समर्थन में सुधार । और अंत में, सभी भारतीयों को कनेक्टिविटी का लाभ लेने में मदद करने के लिए, हमने महिलाओं, जो कि आज भारत में इंटरनेट उपयोगकर्ताओं का सिर्फ एक तिहाई भाग हैं, की सहायता  करने में अपने प्रयास और तेज़ किये हैं, ताकि वे वेब से अधिकतम लाभ उठा सकें। 

हज़ारों युवा भारतीय हर दिन चेन्नई सेंट्रल से निकलते हैं, जैसे मैं कई वर्ष पूर्व निकलता था, सीखने और जानने के लिए उत्सुक, और अवसर की खोज में । मेरी आशा है कि यह वाई-फाई परियोजना इन सब बातों को थोड़ा आसान कर देगी। 
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नकारात्मक मीडिया के सकारात्मक व्यापक विकल्प का सार्थक संकल्प -युगदर्पण मीडिया समूह YDMS- तिलक संपादक, 7531949051
यह राष्ट्र जो कभी विश्वगुरु था, आज भी इसमें वह गुण, योग्यता
व क्षमता विद्यमान है | आओ मिलकर इसे बनायें; - तिलक
विश्वगुरु रहा वो भारत, इंडिया के पीछे कहीं खो गया |
 इंडिया से भारत बनकर ही, विश्व गुरु बन सकता है; - तिलक
अन्यत्र, हिन्दू समाज व हिदुत्व और भारत, को प्रभावित करने वाली
जानकारी का दर्पण है: विश्वदर्पण | आओ, मिलकर इसे बनायें; -तिलक
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